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वित्त मंत्रालय ने किया साफ, यूपीआई सेवाओं के लिए शुल्क लगाने का कोई विचार नहीं

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि ‘यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस’ लोगों के लिए एक उपयोगी डिजिटल सेवा है और इस पर शुल्क लगाने का सरकार कोई विचार नहीं कर रही है. मंत्रालय का यह बयान भुगतान प्रणाली में शुल्क पर भारतीय रिजर्व बैंक के चर्चा पत्र से उपजी आशंकाओं को दूर करता है. चर्चा पत्र में सुझाव दिया गया है कि यूपीआई भुगतान पर विभिन्न रकम की श्रेणियों में शुल्क लगाया जा सकता है.

RBI के समीक्षा पेपर से उठी थी यूपीआई पेमेंट पर चार्ज की बात

देश में यूपीआई के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही रिजर्व बैंक ने पेमेंट सिस्टम चार्जेस पर एक समीक्षा पेपर जारी किया है. इस पेपर में यूपीआई ट्रांजैक्शन पर चार्ज एक स्पेशल चार्ज Merchant Discount Rate लगाने की बात कही गई थी. यह चार्ज ट्रांसफर किए गए अमाउंट पर निर्भर करता है. इस पेपर में पैसे ट्रांसफर करने की राशि के अनुसार एक बैंड तैयार हो जिसमें बैंड के अनुसार आपसे पैसे चार्ज किए जाएं. इस पेपर में यह भी सुझाव मांगा गया है कि यूपीआई में चार्ज एक निश्चित रेट पर लिया जाए या पैसे ट्रांसफर करने के हिसाब से लिया जाएं. बता दें कि फिलहाल यूपीआई ट्रांजैक्शन पर किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जा सकता है.

अभी, यूपीआई (UPI) के जरिये लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं है. वित्त मंत्रालय ((Finance Ministry)) ने एक ट्वीट में कहा कि यूपीआई लोगों के लिए एक उपयोगी सेवा है, जिससे लोगों को काफी सुविधा होती है और अर्थव्यवस्था की उत्पादकता बढ़ती है. यूपीआई सेवाओं के लिए सरकार कोई शुल्क लगाने पर विचार नहीं कर रही है. लागत की वसूली के लिए सेवा प्रदाताओं की चिंताएं अन्य माध्यमों से पूरी करनी होंगी.

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