- कोर्ट के ऑर्डर की प्रति नहीं मिलने का दिया हवाला
नई दिल्ली। उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी हिंसा के बाद बुधवार को इलाके में व्यापक रूप से अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू हुई। किसी भी विरोध और अप्रिय स्थिति से निबटने के लिए प्रशासनिक अमले के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसी बीच अतिक्रमण हटाने के अभियान पर रोक लगाते हुए 21 अप्रैल को मामले की सुनवाई का आदेश दिया है। लेकिन कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिलने का हवाला देते हुए अभियान जारी रहा।
इससे पहले, सुबह करीब साढ़े नौ बजे जहांगीरपुरी में निगम के पांच बुलडोजर अतिक्रमण हटाने में लगे। किसी भी अप्रिय परिस्थिति और विरोध से निपटने के लिए प्रशासनिक अमले के साथ ही भारी फोर्स भी तैनात की गई गई। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इसके साथ ड्रोन से इलाके की निगरानी की जा रही थी। इस दौरान कई मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चलाए गए हैं।
मंगलवार देर शाम दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने इस पूरे मामले को लेकर नॉर्थ एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद आज नगर निगम की तरफ से अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू की गई। जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार शाम दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना से पूरे मामले पर गहन चर्चा की।
आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि रोहिग्या-बंग्लादेशियों की जांच के लिए कोर्ट में पीआईएल पिछले पांच साल से विचाराधीन है, क्योंकि केजरीवाल सरकार से बार-बार जवाब मांगने पर सहयोग नहीं कर रही है। वहीं, सांसद हंसराज हंस ने कहा कि जब भी कोई विदेशी नेता भारत भ्रमण पर आता है तो उस वक्त देश में दंगे कराए जाने की साजिश रची जाती है। इससे पहले जब अमेरिका के राष्ट्रपति भारत आए थे, तो दिल्ली में दंगे कराकर शांति को भंग किया गया था और अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आने वाले हैं तो दोबारा जहांगीरपुरी में इस तरह की घटना को अंजाम देकर विश्व स्तर पर भारत की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।