देशबड़ी खबर

जनता पर मेहरबान हुई पंजाब सरकार, 36000 कर्मचारियों की पक्की होगी नौकरी, न्यूनतम वेतन में भी वृ्द्धि को मंजूरी

पंजाब कैबिनेट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में 36,000 कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है. ये सभी कर्मचारी विभिन्न सरकारी विभागों में अनुबंध, तदर्थ , दैनिक वेतन एवं अस्थायी तौर पर काम कर रहे थे.

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के लिए पंजाब प्रोटेक्शन एंड रेगुलराइजेशन ऑफ कॉन्ट्रैक्चुअल एम्प्लॉइज बिल-2021 को मंजूरी दी गई. विधेयक को अधिनियमन बनाने के लिए विधानसभा में पेश किया जाएगा.

10 साल से ज्यादा सेवा दे चुके कर्मचारियों को मिलेगा तोहफा

इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कैबिनेट ने आज एक बड़े फैसले में 36,000 कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला किया. यह कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा है.’’

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस फैसले से 10 साल से अधिक सेवा वाले करीब 36 हजार कर्मचारियों की सेवाएं नियमित कर दी जाएंगी. पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं.

न्यूनतम वेतन में वृद्धि को भी दी गई मंजूरी

एक अन्य निर्णय में, कैबिनेट ने एक मार्च, 2020 से न्यूनतम वेतन में वृद्धि को भी मंजूरी दी है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर न्यूनतम वेतन में संशोधन एक मार्च, 2020 को होना था. इसमें 415.89 रुपये की वृद्धि की गई है, जिससे यह अब 8776.83 रुपये से बढ़कर 9192.72 रुपये हो गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यूनतम वेतन में वृद्धि के साथ, एक कर्मचारी 1 मार्च, 2020 से अक्टूबर, 2021 तक 8,251 रुपये का बकाया पाने का भी हकदार होगा.

बकाया राशि माफ करने वाले विधेयक को भी मंजूरी

एक अन्य कदम में, कैबिनेट ने पंजाब अनुबंध कृषि अधिनियम, 2013 को निरस्त करने का निर्णय लिया. चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार बिजली खरीद समझौते, केंद्र के कृषि कानूनों पर प्रस्ताव और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने की केंद्र की अधिसूचना से संबंधित विधेयक भी लाएगी.

कैबिनेट ने पंजाब ऊर्जा सुरक्षा, पीपीए की समाप्ति और पावर टैरिफ बिल, 2021 के पुनर्निर्धारण को भी मंजूरी दी. कैबिनेट ने सभी मामलों में बकाया राशि माफ करने के लिए पंजाब (संस्थागत और अन्य भवन) कर निरसन विधेयक, 2021 को भी मंजूरी दी.

भाषा इनपुट्स के साथ

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button