पद्म भूषण से सम्मानित होने के बाद आनंद महिंद्रा ने खुद को बताया ‘अयोग्य’, वजह बताकर जीत लिया देश का दिल
इस साल राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुए देश के नागरिक सम्मान समारोह में 7 लोगों को पद्म विभूषण, 10 लोगों को पद्म भूषण और 102 लोगों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साल 2021 के नागरिक पुरस्कार से सम्मानित होने वाले लोगों में बहुत ही साधारण व्यक्ति से लेकर बड़ी हस्तियां भी शामिल थीं. अपने काम और मजबूत इरादों से देश का गौरवांवित करने वाले लोगों में हरेकला हजब्बा का नाम भी शामिल है, जिन्होंने सड़कों पर संतरे बेचकर कमाए हुए पैसों से बच्चों की शिक्षा के लिए गांव में स्कूल खोल दिया.
व्यापार और उद्योग जगत में दिए गए योगदान के लिए सम्मानित किए गए आनंद महिंद्रा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के जाने-माने बिजनेसमैन और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा को राष्ट्रपति भवन में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया. आनंद महिंद्रा को व्यापार और उद्योग जगत में दिए गए योगदान के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया. बताते चलें कि आनंद महिंद्रा की अगुवाई में महिंद्रा ग्रुप ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑटोमोबाइल से आईटी और एयरोस्पेस तक कई प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में अपना और देश का नाम रोशन किया है.
आनंद महिंद्रा ने सभी महिंद्राइट्स को दिया पुरस्कार का श्रेय
राष्ट्रपति के हाथों पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर की. इसके साथ ही उन्होंने एक ऐसी बात भी कह डाली, जिसने पूरे देश का दिल जीत लिया. आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर लिखा, ”मेरे पद्म भूषण पुरस्कार पर आप सभी की बधाई के लिए धन्यवाद. एक पुरानी कहावत है- यदि आप एक बाड़ के ऊपर किसी कछुए को देखते हैं तो आप निश्चित रूप से जानते हैं कि वह अपने आप वहां नहीं पहुंचा होगा. मैं सभी महिंद्राइट्स के कंधों पर खड़ा हूं.”
आनंद महिंद्रा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”मौजूदा सरकार ने पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वाले लोगों की लिस्ट में एक परिवर्तनकारी बदलाव किया है. अब, देश के उन लोगों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है जो मुख्य रूप से जमीनी स्तर से समाज और देश के सुधार में अपना अतुलनीय योगदान देते हैं. वास्तव में, मैं ऐसे लोगों की लिस्ट में शामिल होने के योग्य महसूस नहीं कर रहा.”
🙏🏽 for all your congratulations on my Padma Bhushan award. Repeating my tweet from last year: “There’s an old saying: If you see a turtle on top of a fence, you know for sure it didn’t get there on its own! I stand on the shoulders of all Mahindraites.” https://t.co/tdJBbjNNWo
— anand mahindra (@anandmahindra) November 9, 2021
खुद को पद्म पुरस्कार के लिए योग्य नहीं समझते आनंद महिंद्रा
आनंद महिंद्रा के इन दो ट्वीट में दो बहुत बड़े संदेश छिपे हैं. पहले ट्वीट में उन्होंने बताया कि उन्हें जिस काम के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है, उस काम को पूरा करने वाले वह अकेले व्यक्ति नहीं हैं. उन्हें इस सम्मान के लिए लायक बनाने में उन सभी लोगों को सहयोग है, जो किसी न किसी रूप में महिंद्रा के साथ जुड़े हुए हैं. वहीं दूसरे ट्वीट के माध्यम से वह कहना चाह रहे हैं कि पिछली सरकारों में केवल उन लोगों को ही पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता था जो पहले से ही एक बड़ी हस्ती हुआ करते थे. जबकि इस सरकार में उन लोगों को सम्मानित किया जा रहा है जो जमीनी स्तर से देश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं. यही वजह है कि वे खुद को उन लोगों के साथ खड़े होने योग्य नहीं मान रहे हैं.
This Govt has made a long-overdue, transformational shift in the texture of the Padma Awards recipients. Now, the focus is largely on individuals making seminal contributions to the improvement of society at grassroots levels. I truly felt undeserving to be amongst their ranks. https://t.co/jor34tqx1w
— anand mahindra (@anandmahindra) November 9, 2021