लाइफस्टाइलस्वास्थ्य

एंटी बैक्‍टीरियल और एंटी इं‍फ्लेमेटरी दवाइयों के लिए फार्मेसी तक जाने की जरूरत नहीं, वो आपकी रसोई में ही है

हमारी रसोई में वो सारे तत्‍व मौजूद हैं, जो एंटी बैक्‍टीरियल गुणों से लेकर एंटी इं‍फ्लेमेटरी, एंटी ऑक्सिडेंट, एंटी कैंसर गुणों का खजाना है. बस हमें उस सही चीज का सही उपयोग और महत्‍व पता होना चाहिए. ये सब मुख्‍त: मसाले, जड़ी-बूटियां इत्‍यादि हैं. यदि हमारे रोजमर्रा के भोजन में इन सभी चीजों का संतुलित और संयमित मात्रा में रोजाना इस्‍तेमाल किया जाए तो सभी 80 फीसदी स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं का समाधान यूं ही हो जाएगा.

अमेरिकन डॉक्‍टर और फिजिशियन डॉ. मार्क हाइम ने अपने इंस्‍टाग्राम पेज में अपने कुछ सबसे पसंदीदा मसालों और उन मसालों के मुख्‍य गुणों के बारे में बताया है. डॉ. हाइम की पसंदीदा मसाले कुछ इस प्रकार हैं-

बासिल यानि तुलसी – तुलसी ह्दय के लिए बहुत फायदेमंद होती है. इसमें मौजूद एंटीबॉक्‍सीडेंट तत्‍व खून को साफ करने का काम करते हैं. साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. तुलसी में एंटी बैक्‍टीरियल गुण भी होते हैं.

ब्‍लैक पेपर यानि काली मिर्च – हम जो भी पोषक तत्‍व ग्रहण करते हैं, ब्‍लैक पेपर उसे पचाने और उसके पोषक तत्‍वों को शरीर में अवशोषित करने की प्रक्रिया में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है.

केयनन यानि लाल मिर्च – मेटाबोलिज्‍म को मजबूत करती है और सर्कुलेशन को बढ़ाने का काम करती है.

सेनमन या दालचीनी – धमनियों और शिराओं में रक्‍त संचार को बेहतर करने का काम करती है. साथ ही इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है. रोगाणुओं को मारने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है.

क्‍लोव्‍स या लौंग – वातावरण में मौजूद टॉक्सिन्‍स, रोगाणुओं, जीवाणुओं और बैक्‍टीरिया से शरीर कस बचाव करती है. साथ ही लौंग में एंटी कैंसर प्रॉपर्टीज भी होती हैं.

धनिया के पत्‍ते और धनिया का बीज – ब्‍लड शुगर के स्‍तर को कम करता है. शरीर को डीटॉक्‍स करने में मदद करता है.

क्‍यूमिन या जीरा – इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाने का काम करता है. एंटी कैंसर तत्‍वों से भरपूर होता है.

जिंजर या अदरख – पाचन शक्ति को बेहतर बनाने का काम करता है. एंटी एम्‍फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. इम्‍यून सिस्‍टम को बेहतर बनाने का काम करता है.

ऑरिगैनो – रोगाणुओं को मारने की क्षमता रखता है. एंटी ऑक्‍सीडेंट होता है और शरीर को भीतर से डीटॉक्‍स करने का काम करता है.

पार्सले या अजमोद – सांस को शुद्ध और ताजा बनाए रखता है. एंटीऑक्सिडेंट तत्‍वों से भरपूर होता है. साथ ही यह एंटी ट्यूमर एजेंट भी होता है यानि शरीर में ट्यूमर को बनने से बढ़ने से रोकने का काम करता है.

रोजमैरी – इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाता है. पाचन को दुरुस्‍त रखने में मददगार होता है.

सेज या ऋषि पौधा – मस्तिष्‍क के लिए बहुत फायदेमंद और उपयोगी होता है. एंटी एम्‍फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होता है.

थाइम या अजवाइन फूल – फेफड़ों के लिए फायदेमंद होता है. फेफड़ों को मजबूत और सक्षम बनाने का काम करता है. एंटीऑक्सिडेंट और एंटी बैक्‍टीरियल गुणों से भरपूर होता है.

टरमरिक या हल्‍दी – हार्ट या दिल के लिए बहुत उपयोगी होता है. एंटी एम्‍फ्लेमेटरी गुणों और एंटी कैंसर प्रॉपर्टी से भरपूर होता है.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button