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रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के ऑफिस और चेयरमैन के घर पर ED की रेड, मनी लॉन्ड्रिंग केस में शुरू हुई जांच

रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक (real estate company Supertech) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) में रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के कार्यालयों और उसके अध्यक्ष आरके अरोड़ा (RK Arora) के आवास के कई स्थानों पर तलाशी ली. सूत्रों के अनुसार ईडी ने ट्विन टावरों (Twin Towers) के कथित अवैध निर्माण से संबंधित एक मामले में अरोड़ा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को सुपरटेक के कार्यालयों और उसके अध्यक्ष आरके अरोड़ा के आवास के कई स्थानों पर तलाशी ली. सूत्रों के अनुसार, ईडी ने नोएडा में नोएडा प्राधिकरण (Noida authority) के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से ट्विन के कथित अवैध निर्माण से संबंधित एक मामले में सुपरटेक और उसके अध्यक्ष आर के अरोड़ा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट ट्विन टावर को ध्वस्त करने का दे चुका है आदेश

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर को नोएडा के सेक्टर 93 में सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट हाउसिंग परियोजना के तहत नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए ट्विन टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत में ट्विन टावर को तीन महीने के अंदर जमींदोज करने का आदेश देते हुए कहा था कि जिला स्तरीय अधिकारियों की सांठगांठ से किए गए इस इमारत के निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि नियम कायदों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके.

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि ये टावर नोएडा अथॉरिटी और सुपटेक की मिलीभगत से बने थे. अदालत ने आदेश में साफ कहा है कि सुपरटेक अपने ही पैसों से इनको तीन महीने के अंदर-अंदर तोड़े. साथ ही खरीददारों की रकम ब्याज समेत लौटाए. गौरतलब है कि 40-40 मंजिला सुपरटेक के प्रत्येक टावर में एक हजार फ्लैट हैं.

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