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बैंकों में दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का पहले दिन मिला-जुला असर

  • कर्मचारियों की हड़ताल से पूर्वी भारत में कामकाज हुआ ज्यादा प्रभावित

नई दिल्ली। बैंक कर्मचारी संघों की दो दिवसीय हड़ताल ने बैंकों के कामकाज पर आंशिक असर डाला है। हड़ताल के पहले दिन सोमवार को बैंकों के कामकाज पर आंशिक असर देखा जा रहा है क्योंकि बैंक कर्मचारी संगठनों का एक हिस्सा ही इस हड़ताल को समर्थन दे रहा है। निजी क्षेत्र के बैंकों का कामकाज इस हड़ताल से बेअसर है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और बैंक कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने 28 और 29 मार्च, 2022 को दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है। वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि बैंक कर्मचारी संघ के दो दिवसीय बैंक हडताल का पहले दिन कोई खास असर नहीं देखने को मिला है।

उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारियों के यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियंस की 9 यूनियंस में से मात्र लेफ्ट समर्थित 3 बैंक यूनियंस, अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) ने वाम समर्थित केंद्रीय श्रम संगठनों के समर्थन में 28 तथा 29 मार्च, 2022 की हड़ताल में भाग ले रही है, जबकि बाकी 6 यूनियंस ने अपने को इस हड़ताल से अलग रखा है।

इस बीच अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के दो दिवसीय बैंक हड़ताल का समर्थन किया है। एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि इस हड़ताल का असर पूर्वी भारत में ज्यादा देखा जा रहा है, जहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तमाम शाखाएं बंद हैं। हालांकि, अन्य क्षेत्रों में बैंकों की शाखाओं में अधिकारियों की मौजूदगी होने के बावजूद कर्मचारियों के अनुपस्थित होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है।

सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इडिया (एसबीआई) ने पहले ही सूचित किया था कि बैंक कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल से उसकी सेवाओं पर कुछ हद तक असर पड़ सकता है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने भी जानकारी दी थी कि एआईबीईए, बीईएफआई और एआईबीओए ने 28 और 29 मार्च, 2022 को हड़ताल पर रहने का नोटिस दिया है।

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