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स्थायी दुनिया के निर्माण के लिए पर्यावरण का संरक्षण आवश्यकः बिरला

नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि मानवता के भविष्य की सुरक्षा और एक स्थायी दुनिया के निर्माण के लिए पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है। संसद परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि मानवता के भविष्य की सुरक्षा और एक स्थायी दुनिया के निर्माण के लिए पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है। महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कि दुनिया हर किसी की जरूरत के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के लालच के लिए पर्याप्त नहीं है, उन्होंने जलवायु और वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की रक्षा के लिए संतुलन को जीवन के एक तरीके के रूप में ग्रहण करने का आह्वान किया।

पेरिस समझौते, सीओपी-26 और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि भारत जलवायु संरक्षण की पहल में दुनिया में अग्रणी है। भारत पर्यावरण संरक्षण के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में विधानमंडल भी अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि संतुलन भारत में जीवन के एक तरीके के रूप में निहित है और हम प्रकृति के सभी रूपों की पूजा करते हैं। क्लाइमेट जस्टिस पर जोर देते हुए अध्यक्ष ने कहा कि विकसित देशों को जलवायु की सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी साझा करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए एक सामूहिक कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए और उसे लागू किया जाना चाहिए।

जलवायु संरक्षण में युवाओं की भूमिका पर बोलते हुए श्री बिरला ने कहा कि देश में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन लाने में युवाओं ने हमेशा निर्णायक भूमिका निभाई है। वे देश और समाज में परिवर्तन के मुख्य वाहक हैं। वे न केवल जलवायु परिवर्तन के शिकार हैं बल्कि जलवायु संरक्षण कार्रवाई में सबसे बड़े योगदानकर्ता हैं। जैसा कि भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, युवाओं को जलवायु की सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि युवाओं को जागरूकता और जलवायु कार्रवाई के अन्य कार्य योजना के लिए साझा पर्यावरणीय पहल के लिए सरकार के साथ भागीदारी करनी चाहिए।

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