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जीरो टॉलरेंस व डबल इंजन की सरकार में फिर से चल पड़ा उप्र में विकास का पहिया: सीएम योगी

  • मऊ में मुख्यमंत्री ने किया 203 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास

मऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद मुख्यालय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 203 करोड़ की लागत के 45 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। जिसमें 161.70 करोड़ की 32 परियोजनाओं का लोकार्पण व 42 करोड़ की लागत के 15 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।

उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अपराध और अपराधपरस्तों के चलते विकास की गाड़ी को ब्रेक लगा रहा, लेकिन डबल इंजन की सरकार में अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस के चलते फिर से विकास का पहिया चल पड़ा है। उन्होंने कहा कि मऊ जनपद शीघ्र ही लखनऊ वाराणसी और गोरखपुर के तर्ज पर विकास के आयाम स्थापित करेगा।

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह धरती ऋषि मुनि मनीषियों क्रांतिकारियों व पंडित श्याम नारायण पांडेय की धरती रही है जो भारत की विरासत के प्रति कृत संकल्पित रहे हैं, लेकिन इस धरती पर चल रहे विकास के महायज्ञ को बाधित करने का काम यहां के माफिया और उसके गुर्गों ने किया। विकास के धन में आया पैसा माफिया दीमक की तरह चाट गए। विकास के पैसों से अपनी हवेली और अपनी निजी संपत्ति बनाने में लगे रहे लेकिन आज अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की सरकार में बता दिया गया कि अपराधी कोई भी हो, चाहे उसे किसी का संरक्षण प्राप्त हो रहा हो अगर वह पाताल के अंदर होगा तो भी खींचकर उसे कानून के शिकंजे में डालकर सीधा कर दिया जाएग।

बोले कि, यह डबल इंजन की सरकार जनता जनार्दन के लिए कृत संकल्पित है। रोटी कपड़ा मकान की व्यवस्था, गरीबी हटाओ महज नारा बन कर रह गए थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार स्वरोजगार व रोजगार की व्यवस्था की गई। जिनके माध्यम से विगत कुछ वर्षों में लाखों युवाओं को रोजगार मुहैया कराए गए। वही, आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे देश में आज़ादी के 75वें वर्ष में आज भारत देश विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनकर उभरा है, जिसने ब्रिटेन को भी पीछे छोड़ दिया है।

मऊ जनपद से होकर जाने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे व वाराणसी गोरखपुर फोरलेन महज यातायात के साधन ही नहीं बल्कि एक्सप्रेस-वे के किनारे और औद्योगिक कारीडोर की भी व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकास के नित नए आयाम स्थापित किये जा रहे हैं। भारत की नई तस्वीर विरासत का सम्मान व आत्म निर्भर भारत के प्रत्यक्ष उदाहरण है। लोक कल्याणकारी परियोजनाओं, शौचालय, आवास, बिजली, पानी व रसोई गैस की पर्याप्त व्यवस्था है जो आज गरीबों के लिए संजीवनी का काम कर रहे हैं।

महाराज सुहेलदेव के नाम पर राजनीति करने वालों ने उन्हें महज भुनाने का काम किया। उनके गौरवशाली इतिहास को 1000 वर्षों के बाद दुनिया में पहला विश्वविद्यालय उ0प्र0 में बनकर तैयार हुआ, जो मऊ आज़मगढ़ के सीमा पर स्थापित हो रहा है जिसमें नई शिक्षा नीति के तहत बेहतर भविष्य की तस्वीर प्रस्तुत की जा रही है।

उन्होंने कहाकि अन्नदाता किसान, नौजवान, महिलाओं के लिए बिना भेदभाव के लोक कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसके लिए उन्होंने लोगों का आह्वान किया की इन कार्यों के लिए समाज को भी जागरूक होना पड़ेगा और सभी को सब कुछ कर गुजरने की क्षमता व ललक होनी चाहिए। उन्होंने पंडित श्याम नारायण पांडेय की कृति हल्दीघाटी का उद्धरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि उनकी इस कृति ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने का काम किया, जो आज भी प्रासंगिक हैं।

अधिकारी जमीन तलाश कर रखें, कभी भी हो सकती है मेडिकल कॉलेज की घोषणा

उप्र के मुखिया योगी आदित्यनाथ के संबोधन से पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एके शर्मा ने बंद स्वदेशी कॉटन मिल व परदहा काटन मिल के पुनरुद्धार के साथ ही मऊ में मेडिकल कॉलेज स्थापना की मांग रखी। जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को मंच से संबोधित करते हुए कहा कि जमीन तलाश कर रखें, मेडिकल कॉलेज की घोषणा कभी भी हो सकती है।

योगी ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में पूरे प्रदेश में केवल 12 मेडिकल कॉलेज स्थापित हुए थे लेकिन हमारे पिछले 5 साल के कार्यकाल में 35 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित हुए हैं। फिलहाल 14 जनपदों में मेडिकल कॉलेज नहीं है जिनके लिए शीघ्र ही पाॅलसी आ रही है, जिसमें मऊ और बलिया भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होगा। जिसके लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की बुनियादी व्यवस्था नितांत आवश्यक है। ऐसे में सभी जनपदों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।

इसके साथ ही उन्होंने बंद पड़े उद्योग, कताई मिल इत्यादि के लिए व्यापक कार्ययोजना की बात कही। उन्होंने कहा कि कृषि के बाद वस्त्र उद्योग ही एक ऐसा उद्योग है जो सबसे अधिक रोजगार का सृजन करता है। ऐसे में हैंडलूम, पावर लूम, कताई मील इत्यादि के माध्यम से उद्योगों का पुनरुद्धार हमारी कार्य योजना में शामिल है।

उन्होंने मातृभूमि योजना के संबंध में बताते हुए कहा कि गांव में रहने वाले लोग यदि अपने पूर्वजों व परिजनों के नाम पर कोई भी सामुदायिक भवन, बारात घर व सड़क इत्यादि का निर्माण कराना चाहते हैं तो आधा पैसा उनका व आधा पैसा सरकार देगी। जबकि शिलापट्ट पर नाम उनके परिजनों व पुरखों का होगा।

इसके लिए उन्होंने गांव से बाहर विभिन्न स्थानों पर बसे लोगों से आह्वान करने का भी निवेदन किया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की स्थापना तभी हो सकती है जब गांव और नगर आत्मनिर्भर होंगे। ऐसे में गांव और नगर स्वयं अपनी आय बढ़ाएं जिससे आत्मनिर्भर भारत की स्थापना हो सकेगी।

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