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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पं. दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल का किया निरीक्षण

  • प्रस्तावित जी-20 सम्मेलन के लिए स्थल को देखा,अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए

वाराणसी। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने रविवार को वाराणसी में प्रस्तावित जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए बड़ालालपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय सांस्कृतिक हस्तकला संकुल का मुआयना किया। सम्मेलन के लिए इस स्थान को लेकर उन्होंने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

शनिवार को वाराणसी आये विदेश मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत को मिली है। इसे जश्न की तरह मनाया जाएगा। हर राज्य में कार्यक्रम किए जाएंगे। अलग-अलग सम्मेलन के लिए स्थलों का चयन होना है। विदेश मंत्रालय की टीम रिपोर्ट बना रही है। कुछ स्थलों को हमने भी देखा है। काशी का अपना विशेष महत्व है। काशी में भी शिखर सम्मेलन होगा। इसकी तैयारी चल रही है। देश के हर राज्य व 55 शहरों में जी-20 शिखर सम्मेलन होंगे। काशी में दुनिया के विकास मंत्रियों का सम्मेलन होना है। इसकी अध्यक्षता खुद ही करेंगे।

विदेश मंत्री महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती के घर पहुंचे

दो दिवसीय वाराणसी दौरे के अन्तिम दिन रविवार को विदेश मंत्री तमिल महाकवि सुब्रमण्यम भारती के हनुमानघाट स्थित आवास पर पहुंचे। यहां उन्होंने महाकवि के भांजे के वी कृष्णन से भेंट की और कुशलक्षेम पूछा। परिवार से मुलाकात के बाद विदेश मंत्री ने कहा कि अब तक के सबसे महान तमिल साहित्यकारों में से एक, महाकवि भारती का काशी हनुमान घाट स्थित घर एक ज्ञान केंद्र और पावन तीर्थ है।

उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और महिला सशक्तीकरण पर सुब्रमण्यम भारती की रचनाएँ आज भी प्रासंगिक हैं। काशी में ही भारती जी का परिचय अध्यात्म और राष्ट्रवाद से हुआ। महाकवि के व्यक्तित्व पर काशी ने गहरा प्रभाव छोड़ा। उन्होंने कहा कि महाकवि के परिवार में जयंती जी, हेमा जी, रवी जी और संतोष से मिलकर ख़ुशी भी हुई और गर्व भी हुआ। उन्होंने कहा कि महाकवि का जीवन, विचार और लेखन हमारी आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।

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