रैली और गोष्ठी में बुलंद हुई महिलाओं के हक में आवाज
जौनपुर। महिलाओं के अधिकारों के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से रविवार को महिला दिवस पर टीबी हास्पिटल परिसर से साइकिल रैली निकाली गई। रैली को सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में गोष्ठी भी हुई।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह ने कहा कि 1910 में क्लारा जेटकिन नाम की एक महिला ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद रखी। यह दिवस महिला कामगारों के आंदोलन से निकला था जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी सालाना जश्न के तौर पर मान्यता दी। इस दिन को खास बनाने की शुरुआत आज से 115 वर्ष पहले यानी 1908 में हुई।
उस समय लगभग 15 हजार महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में एक परेड निकाली। उनकी मांग थी कि महिलाओं के काम के घंटे कम हों, तनख्वाह अच्छी मिले और उन्हें भी वोट डालने का हक हो। एक साल बाद अमेरिकी की सोशलिस्ट पार्टी ने पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का एलान किया। इसे अंतरराष्ट्रीय बनाने का ख्याल पहले क्लारा जेटकिन नामकी एक महिला के जेहन में आया।
वह एक वामपंथी कार्यकर्ता थी और महिलाओं के हक के लिए आवाज उठाती थी। 1910 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया। इस सम्मेलन में 17 देशों से 100 महिलाएं शामिल हुईं थीं। पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में आस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में मनाया गया। इस वर्ष हम 112वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक मान्यता 1975 में उस समय मिली जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी यह जश्न मनाना शुरू कर दिया। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, समाज में, रियासत में और आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की तरक्की का जश्न मनाने का दिन है।
उन्होंने कहा कि यह दिवस महिला के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों के सापेक्ष उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं और लड़कियों की असमानता पर डिजिटल लैंगिक फर्क के असर की पड़ताल भी की जाएगी क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का आंकलन है कि अगर आनलाइन दुनिया तक महिलाओं की पहुंच की कमी को दूर नहीं किया गया तो इससे कम और मध्यम आमदनी वाले देशों के सकल घरेलू उत्पाद को 1.5 खरब डॉलर का नुक़सान होगा।
उन्होंने महिला दिवस के लिए दुनिया की सभी महिलाओं के साथ साथ जनपद की समस्त महिलाओं को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम को गैर संचारी रोग (एनसीडी) के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ राजीव कुमार, मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता नीरज सिंह ने भी संबोधित किया। जनक कुमारी इंटरकालेज के शिक्षक विपनेश श्रीवास्तव, एफएलसी जय प्रकाश गुप्ता, अर्बन हेल्थ कोआर्डिनेटर प्रवीन पाठक, कुलदीप श्रीवास्तव, बड़ी संख्या में शिक्षा विभाग से शिक्षक -शिक्षिकाएं तथा स्वास्थ्य विभाग से आशा कार्यकर्ता और एएनएम मौजूद रहे।