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यूक्रेन से अपने घर बांदा लौटा मेडिकल छात्र, बोला- ‘मुझे नहीं लगता था मैं जिंदा पहुंच पाऊंगा’

यूक्रेन-रूस के बीच जारी जंग में सैंकड़ों भारतीय छात्रों की जान खतरे में पड़ी है. ऐसे में यूक्रेन के इवानों शहर में में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा यूपी के बांदा का बेटा अपने वतन वापस लौटा है. मेडिकल छात्र नीरज गुप्ता ने बताया कि भारतीय दूतावास ने 1500 किमी दूरी तय करके रोमानिया बॉर्डर पहुंच गया है. रोमानिया में प्रवेश करते ही वहां के सरपंच ने हम लोगों के रहने और खाने का भी इंतजाम किया.

नीरज गुप्ता ने बताया कि बस में भारतीय तिरंगे को देखकर चेकिंग नहीं होती थी. ऑपरेशन गंगा में मोदी सरकार की वजह से हम लोग सुरक्षित वापस अपने देश आ पाए हैं. रोमानिया के लोग और सरकार बहुत अच्छी है. उन्होंने हमारी हर तरीके से मदद की है. बगैर वीजा के बॉर्डर क्रॉस करवाया. यूक्रेन में हालात दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं. बम धमाकों के अलावा कुछ नहीं सुनाई देता था. हम सभी मेडिकल स्टूडेंट्स बहुत घबराए हुए थे. खाने तक के लिए कुछ नहीं बचा था. हम लोगों को यूनिवर्सिटी से बस में रोमानिया बॉर्डर तक भेजा गया था. अभी भी बहुत से छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. मैं इवानो शहर में था. जहां से बॉर्डर लगभग 1500 किलोमीटर की दूरी पर है.

‘मुझे नहीं लगता था, मैं जिंदा इंडिया पहुंच पाऊंगा’

छात्र नीरज ने जय भारत माता…जय-जय मोदी-योगी के नारे के साथ कहा कि मुझे नहीं लगता था, मैं जिंदा इंडिया पहुंच पाऊंगा?… लेकिन आज मैं अपने वतन आ चुका हूं. छात्र ने कहा कि रूस ने सैकड़ो मिसाइल दागी, बम धमाके हुए. जिस जगह मिसाइल गिरी, वहां जीव-जंतु समाप्त हो गया. कुछ एरिया की धरती भी हिल गई. भयंकर गड्ढा हो गया. चारों तरफ बर्बादी का मंजर था.

चारों तरफ त्राहिमाम-त्राहिमाम

छात्र ने बताया कि लोग त्राहिमाम चीख-पुकार की आवाजें आ रही थी. युक्रेन की सड़कों में इस विकट स्थिति को देखकर हम बहुत दहशत में थे, मानो ऐसा लगता था कि अब हमारे ऊपर भी बम गिरने वाला है. लेकिन हमारे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की वजह से दोनों देश की फौजों ने भारतीय तिरंगा बस में लगाकर मेडिकल छात्रों को बॉर्डर पार कराया. भारत वापस लौटने पर जान में जान आयी है.

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