उत्तर प्रदेशसीतापुर

गोवंश संरक्षण के लिए नपा ने मांगा लोगों से सहयोग

सीतापुर। अगर आप सक्षम हैं और गो वंश के प्रति आपका प्रेम है तो आपके लिए अच्छी खबर है। नगर पालिका सीतापुर द्वारा संचालित गो आश्रय केन्दों में संरक्षित किए गए बेसहारा गो वंशो की देखरेख व उनके भरण पोषण के लिए आप दान देकर अपना योगदान कर सकते हैं। इसके लिए पालिका के अधिशासी अधिकारी वैभव त्रिपाठी ने आम जनता से बैंक खाता संख्या सार्वजनिक कर सहयोग मांगा है।

नगर पालिका परिषद सीतापुर वैभव त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा वर्तमान सरकार की शीर्ष प्राथमिकता वाली निराश्रित गो संरक्षण योजनान्तर्गत नगर पालिका परिषद, सीतापुर में गो आश्रय स्थलों में अब तक 350 बेसहारा गोवंशों को संरक्षित किया जा चुका है। इन संरक्षित गोवंशों के भरण पोषण हेतु भूसे आदि का क्रय शासन द्वारा राजकीय कोष से किया जा रहा है।

अधिशासी अधिकारी वैभव त्रिपाठी ने जनपद वासियों से अपील की है कि संरक्षित किये जा रहे निराश्रित गोवंश के भरण-पोषण में सहयोग करते हुए अधिक से अधिक मात्रा में भूसा, हरा चारा, चोकर, खली आदि अपने निकटतम खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से गो आश्रय स्थल पर संपर्क कर दान देकर, गोवंश की सेवा कर पुण्य लाभ प्राप्त कर सकता है। श्री त्रिपाठी ने अपील की है। गो सेवा हमारी संस्कृति एवं आस्था का अभिन्न अंग है। अतः इनके भरण पोषण हेतु यथाशक्ति भूसा आदि दान करें।

चेक अथवा सीधे एकाउंट में करें धन ट्रांसफर, पालिका अफसर करेंगे सम्मानित

अधिशासी अधिकारी वैभव त्रिपाठी ने बताया कि इस पुनीत कार्य हेतु स्वेच्छा से कोई भी व्यक्ति (महिला पुरुष) जनपद के नगर पालिका परिषद, सीतापुर कोष के खाते में चेक/बैंक ट्रांसफर के माध्यम से धनराशि दान कर सकता है। उन्होंने बताया कि दान या सहयोग करने वालों को मैं और मेरे अधीनस्थ अधिकारीगण नगर पालिका परिषद, सीतापुर के अग्रणी दान दाताओं के घर आकर उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने का काम किया जाएगा।

श्री त्रिपाठी ने बताया कि गो आश्रय स्थल के आसपास पौधारोपण कर हरा-भरा करने का प्रयास किया गया है, स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। गोवंश व आश्रय स्थल की नित्य सफाई व धुलाई करवाई जा रही है। चिकित्सकों की सलाह पर गोवंश का स्वास्थ्य परीक्षण भी करवाया जाता है।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button