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अब बुंदेलखंड में तुलसी उगाने वाले किसानों की होगी खुद की कम्पनी

  • – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आत्मनिर्भर प्रदेश से प्रभावित होकर किसानों ने उठाया कदम
  • – 500 से अधिक किसान तुलसी उगाकर कर रहे हैं आमदनी

झांसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के किसानों की आय कई गुना बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं से प्रोत्साहन मिलने के बाद बुंदेलखंड में तुलसी की खेती को लेकर किसानों में क्रेज बढ़ा है। तुलसी की पैदावार से होने वाली आमदनी को देखते हुए अब किसान एक नया प्रयोग करने जा रहे हैं। सरकार की मदद से झांसी के गुरसराय ब्लॉक में कृषक उत्पादक संगठन यानि एफपीओ योजना के तहत तुलसी के उत्पादों पर आधारित कम्पनी का गठन करने जा रहे हैं। इस क्षेत्र के किसानों द्वारा उगाई गई तुलसी अभी तक कई प्रतिष्ठित आयुर्वेद कंपनियां खरीदती रही हैं। एफपीओ के तहत कम्पनी का गठन कर इस क्षेत्र के किसान तुलसी आधारित उत्पादों का निर्माण और बिक्री खुद करेंगे।

तुलसी आधारित एफपीओ के गठन की तैयारी

झांसी के गुरसराय, बंगरा और मऊरानीपुर में वर्तमान समय में 535 से अधिक किसान तुलसी की खेती कर रहे हैं। फसल और उत्पाद आधारित एफपीओ के गठन की कवायद के बीच गुरसराय ब्लॉक के किसान तुलसी आधारित एफपीओ के गठन की तैयारी में हैं, जिनसे बंगरा और मऊरानीपुर के तुलसी उगाने वाले किसानों को भी जोड़ा जाएगा। अभी तक आयुर्वेद कंपनियों को तुलसी बेच रहे किसानों को उम्मीद है कि खुद की कम्पनी का गठन कर तुलसी से बने उत्पादों की मार्केटिंग कर अधिक लाभ कमाया जा सकेगा। स्थानीय प्रगतिशील कृषक और प्रस्तावित एफपीओ के सलाहकार पुष्पेंद्र यादव ने बताया कि तुलसी से कई तरह के उत्पाद निर्मित होते हैं, जिनके सहारे किसान अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं। हम एफपीओ गठन को लेकर तैयारी कर रहे हैं।

एफपीओ को खड़ा करने में किसानों को मिलेगी मदद

नाबार्ड के झांसी के प्रबंधक भूपेश पाल ने बताया कि झांसी के कुछ क्षेत्रों में किसानों ने तुलसी की पैदावार में खास दिलचस्पी दिखाई है और गुरसराय में इसे लेकर एफपीओ शुरू करने का प्रस्ताव है। एफपीओ की शुरुआत कराने से लेकर उनके दस्तावेजों के रखरखाव, प्रक्रियाओं से संबंधित जानकारी उत्पादन, मार्केटिंग आदि कामों में किसानों को मदद दी जाती है। एफपीओ को आर्थिक और तकनीकी मदद भी प्रदान की जाती है। आमतौर पर इस तरह की किसी कम्पनी को तैयार होकर आत्मनिर्भर होने में लगभग पांच साल का समय लग जाता है। इस दौरान एफपीओ को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी विभिन्न तरीकों से मदद की जाती है।

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