उत्तर प्रदेशप्रतापगढ़

राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप की बढ़ीं मुश्किलें, फर्जी पते पर हथियार लाइसेंस लेने के मामले में कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा

उत्तर प्रदेश की कुंडा विधानसभा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी और निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप को फर्जी पते से लाइसेंस लेने के मामले में सात साल की जेल की सजा हुई है. अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी पर स्पेशल कोर्ट ने 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. मंगलवार को अक्षय प्रताप को एमपी-एमएलए एफटीसी कोर्ट ने दोषी ठहराया था और पुलिस कस्टडी में लेने का आदेश दिया था.

बता दें कि एमएलसी चुनाव के लिए गोपालजी ने जनसत्तादल लोकतांत्रिक पार्टी से एमएलसी का पर्चा भरा है. कोर्ट ने अपने आदेश में पुलिस अफसरों और राजस्व कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया है. 6 सितंबर 1997 को अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 468 और 471 के तहत केस दर्ज किया गया था.

क्या था मामला

1997 में दर्ज एफआईआर के मुताबिक छह सितंबर 1997 को अक्षय प्रताप उर्फ गोपालजी पर मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके तहत उन्होंने शहर के रोडवेज डिपो के पास स्थित एक फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लिया था. 15 मार्च को कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए अक्षय प्रताप को दोषी करार दिया था. बुधवार को इस मामले पर फैसला आना था, जिसे लेकर कोर्ट में सुबह से ही भीड़ थी. दोपहर के बाद कोर्ट ने अक्षय प्रताप को सात साल की जेल और दस हजार रुपए का जुर्माना सुनाया. एमपी एमएलए कोर्ट ने पाया कि तथ्य छुपा कर अक्षय प्रताप ने शस्त्र लाइसेंस लिया.

जनसत्ता पार्टी से हैं मैदान में

प्रतापगढ़ सीट पर राजा भैया का अच्छा खासा प्रभाव रहता है. इसी कारण अक्षय प्रताप तीन बार एमएलसी बने हैं. इसके अलावा वह एक बार सांसद भी रह चुके हैं. 2016 में वह सपा से एमएलसी बने. लेकिन राजा भैया और सपा के बीच दूरियों के कारण उन्होंने भी पार्टी छोड़ दी. सपा और बीजेपी दोनों ने ही यहां से अपने उम्मीदवार उतारे हैं. अक्षय प्रताप अभी तक इस सीट से निर्विरोध जीतते रहे हैं. इस बार भी जनसत्ता दल से वह मैदान में हैं. लेकिन उनके सजा के ऐलान के बाद नामांकन पत्र रद्द हो सकता है. माना जा रहा है कि अब अक्षय प्रताप की जगह उनकी पत्नी मधुरिमा सिंह एमएलसी चुनाव लड़ेंगी.

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