बांदा में किसान सम्मान निधि में घोटाला! 30 हजार से ज्यादा किसानों को नहीं मिली अबतक एक भी किस्त, DM ने बैठाई जांच
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है. लेकिन उत्तर प्रदेश के चित्रकूट धाम मंडल के मुख्यालय बांदा में इसमें घोयाला सामने आया है. यहां करीब 30 हजार से अधिक किसान योजना का लाभ पाने के इंतजार में हैं. इसमें 4000 नाम व आधार संशोधन वाले शामिल हैं हालांकि विभाग का दावा है कि जो भी कमियां थी उनमें सुधार हो रहा है. इधर मामले में डीएम ने जांच बैठा दी है और कहा कि इसमें जिसकी भी गलती होगी उसको बक्शा नहीं जाएगा.
दरअसल पीएम किसान सम्मान निधि के तहत लाभार्थी किसानों को ₹500 प्रति माह के हिसाब से चार चार माह में दो दो हजार की किस्त सीधे खाते में दी जाती है. विभागीय जानकारी के मुताबिक अब तक 10 किस्ते जारी हो चुकी हैं. मौजूदा समय में जिले में कुल 262481 लाभार्थी हैं इनमें ज्यादातर को 10 किस्त मिल चुकी हैं. कुछ को पहली, दूसरी तो किसी को तीसरी,चौथी पांचवी या इसके आगे की किसत दे दी गई है, लेकिन अभी 30,000 से अधिक किसान योजना का लाभ पाने के इंतजार में हैं. इनमें 4000 किसान के नाम आधार नंबर में त्रुटि होने के चलते उनका संशोधन किया गया है. योजना के प्रभारी बृजेश कुमार का कहना है कि जो कमियां थी उन्हें सुधार लिया गया है. अब इनके खातों में पैसा आना है. वहीं शेष किसान नए पंजीकरण के लिए प्रयासरत हैं.
जिसकी भी गलती होगी उसको बक्शा नहीं जाएगा: DM बांदा
इधर जिलाधिकारी बांदा अनुराग पटेल ने मामले में एक जांच बैठा दी है. जिला कलेक्टर ने कहा कि इसमें जिसकी भी गलती होगी उसको बक्शा नहीं जाएगा. उन लोगों को सीधे निलम्बित करके सीधे थाना कोतवाली में तहरीर देकर समुचित धाराओ में मुकदमा दायर कराकर सीधे जेल भेजने की कार्यवाही की जाएगी. वहीं बुन्देलखंड किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विमल शर्मा का कहना है कि जिला प्रशासन बांदा ने घोर लापरवाही की है और किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बांदा में लगभग 30 हजार से अधिक किसान हैं जिन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 10वीं किश्त नही मिली हैं. उनके एकाउन्ट में अभी तक पैसा नहीं पड़ा. इसमें कहीं न कही कर्मचारी अधिकारियों की लापरवाही मानी जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित के लिए किसानों की उपज आमदनी दोगुनी करने के वास्ते एक नियमबद्ध तरीके से इस योजना को चालू किया था लेकिन बांदा में किसानों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है.