हमीरपुर

राजगुरु को वर्णिता ने नमन कर दी पुष्पांजलि

हमीरपुर। देशभक्तों की देश के प्रति समर्पण के मद्देनजर सुमेरपुर कस्बे में वर्णिता संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के अन्तर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत एक बेमिसाल देशभक्त शिवराम हरि राजगुरु की जयन्ती पर संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि राजगुरु वास्तव में एक देशपरायण क्रांतिकारी थे। इनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता है। इनका जन्म 24 अगस्त 1908 को पुणे के खेड़ा गांव में हरिनारायण और पार्वती देवी के घर ब्राह्मण परिवार में हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद इनकी चन्द्रशेखर आजाद और भगतसिंह जैसे महान क्रांतिकारियों से भेंट हो गई थी। तब ये पूरी तरह से क्रांतिकारी हो गये थे।1928 में भारत में साइमन कमीशन का पूरे देश में विरोध के तहत लाला लाजपत राय के नेतृत्व में भीषण विरोध हुआ था। तब गोरे सुरक्षा कर्मियों ने उन पर इतनी लाठियां बरसाई कि लाजपतराय का निधन हो गया था। भगतसिंह और उनके साथियों ने लाला जी की मौत का बदला लेने का निर्णय किया और 1928 में सान्डर्स का वध कर दिया गया। इसमें शिवराम हरि राजगुरु भी शामिल थे। बाद में भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को लाहौर में फांसी पर चढ़ा दिया गया। इनके देश के प्रति योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इस कार्यक्रम में सिद्धा, महावीर, प्रेम, सागर, प्रिन्स, कमलेश सोनकर, रामनरायन सोनकर, विकास, दस्सी, राहुल प्रजापति आदि शामिल रहे।

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