CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी पंचतत्व में विलीन, बेटियों ने दी मुखाग्नि
नई दिल्ली : तमिलनाडु हेलीकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर को उनके आवास से बरार स्क्वायर श्मशान घाट, पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले उन्हें 17 तोपों की सलामी भी दी गई. इस दौरान सेना के 800 जवान मौजूद रहे. आवास के अलावा बरार स्क्वायर का दृश्य काफी हृदय विदारक था. लोग अपने जांबाज सिपाही के अंतिम सफर के हर क्षण को अपनी आंखों के सामने होते देखना चाहते थे.
सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को उनकी बेटियां कृतिका और तारिणी ने भी श्रद्धांजलि दी. अंतिम संस्कार से पहले 17 तोपों की सलामी दिए जाने के अलावा तीनों सेनाओं के बिगुल बजाए गए. वहीं सैन्य बैंड ने शोक गीत बजाया गया. वहीं अंतिम दर्शन स्थल पर 12 ब्रिगेडियर स्तर के अफसर तैनात थे. इससे पहले अंतिम यात्रा में 99 सैन्यकर्मियों ने एस्कॉर्ट किया. वहीं रास्ते भर लोगों ने शव वाहन पर पुष्प अर्पित करने के साथ ही ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा’ के नारे लगाए.
जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर को आज बेस हॉस्पिटल से उनके सरकारी आवास पर लाया गया. यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई दिग्गजों ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. इसके अलावा जनरल बिपिन रावत को सेना अध्यक्ष एम.एम. नरवणे, वायुसेना चीफ वी.आर. चौधरी और नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर. हरि कुमार ने श्रद्धांजलि दी. इसके साथ ही, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने भी आखिरी सलामी दी. उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए गणमान्यों का तांता लगा हुआ था. नम आंखों से जनरल बिपिन रावत की दोनों बेटियों ने भी अपने पिता को विदाई दी.
बता दें कि तमिलनाडु में कुन्नूर के समीप बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के प्रथम प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई थी.वहीं बृहस्पतिवार को यहां पालम हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर और 10 अन्य रक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी.