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भारत-ब्रिटेन ने इस वर्ष के अंत तक मुक्त व्यापार समझौता संपन्न करने का किया फैसला

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने यूक्रेन के घटनाक्रम सहित विभिन्न द्विपक्षीय और विश्व मामलों पर व्यापक विचार विमर्श किया तथा आपसी मुक्त व्यापार समझौता संपन्न करने के लिए तेजी से आगे बढ़ने का फैसला किया।
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक साझा प्रेसवार्ता की। मोदी ने अपने प्रारंभिक बयान में रक्षा क्षेत्र, आधारभूत ढांचे के विकास, जलवायु और ऊर्जा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देश महत्वाकांक्षी ‘रोडमैप-2030’ में आपसी सहयोग से नये लक्ष्य शामिल करेंगे। पिछले दिनों दोनों देशों ने ‘रोडमैप-2030’ तैयार किया था तथा दोनों नेताओं ने इसके क्रियान्वयन की समीक्षा की।
यूक्रेन के घटनाक्रम की छाया में संपन्न इस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम लागू किये जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बातचीत और कूटनीति के जरिए ही इस समस्या का समाधान हो सकता है। दोनों नेताओं ने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के महत्व पर बल दिया।
मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, डिजाइन और विकास आदि में ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के प्रति ब्रिटेन के समर्थन का भारत स्वागत करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आधारभूत ढांचे के आधुनिकीकरण और राष्ट्रीय आधारभूत ढांचा, पाइपलाइन आदि क्षेत्रों में ब्रिटेन की कंपनियों के निवेश का हम स्वागत करते हैं।

 

मुक्त व्यापार समझौते के बारे में उन्होंने कहा कि इस संबंध में चल रही बातचीत में अच्छी प्रगति चल रही है। इस समझौते को इस वर्ष के अंत तक अंजाम तक पहुंचाने के लिए पूरा प्रयास करने का फैसला किया गया है। मोदी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात और आस्ट्रेलिया के साथ ऐसे समझौते किय़े हैं। उसी गति से ब्रिटेन के साथ भी ऐसा समझौता करने के लिए प्रयास जारी हैं।

मोदी ने दोनों देशों के बीच आज हुए वैश्विक नवाचार साझेदारी क्रियान्वयन समझौते को बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इससे हमारी विकास साझेदारी और मजबूत होगी। इस समझौते के साथ तीसरे देशों में मेड इन इंडिया नवाचार के हस्तांतरण के लिए दोनों देशों ने 10 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण करने का फैसला किया है। इससे टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने औऱ जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान करने में मदद मिलेगी। समझौते से छोटे और मंझोले उद्यमों को नए बाजार हासिल करने में मदद मिलेगी।

हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के बारे में मोदी ने एक स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और नियम आधारित हिन्द-प्रशांत क्षेत्र कायम करने पर जोर दिया। मोदी ने एक शांतिपूर्ण, स्थायित्वपूर्ण, सुरक्षित, अफगानिस्तान की कामना करते हुए एक समावेशी और प्रतिनिधित्वमूलक सरकार बनाने का रुख दोहराया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग अन्य देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

जलवायु परिवर्तन संबंधी कॉप 26 लक्ष्यों की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि हमने जलवायु और ऊर्जा संबंधी साझेदारी को और गहन बनाने का फैसला किया है। उन्होंने ब्रिटेन को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच रणनीतिक, प्रौद्योगिकी वार्ता प्रक्रिया शुरू होने का भी स्वागत किया।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जानसन ने प्रकारांतर से यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई की आलोचना की। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देशों की यह जिम्मेदारी है कि वे अधिनायकवादी जोर-जबरदस्ती के प्रयासों का विरोध करें।

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