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हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे में अकेले बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत गंभीर, अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण

तमिलनाडु के कुन्नूर के नजदीक 8 दिसबंर को हुए हेलिकॉप्टर क्रैश (Helicopter Crash) में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य जवानों की मौत हो गई. एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर सुलूर से वेलिंगटन के लिए रवाना हुआ था और इसमें क्रू मेंबर सहित 14 लोग सवार थे. 14 में से भारतीय सेना ने 13 लोगों की मृत्यु की पुष्टी की है. केवल भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) ही इस हादसे में बचे हैं. हालांकि उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.

कैप्टन सिंह के चाचा और कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह (Congress Leader Akhilesh Pratap Singh) ने बताया कि वह (वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह) की बुधवार रात कुछ सर्जरी हुई, जिसके बाद उन्हें ICU वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. डॉक्टरों का कहना है कि अगले 48 घंटे उनके लिए महत्वपूर्ण हैं.’ भारतीय वायुसेना ने बताया कि इस दुर्घटना में सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जिंदा बचे हैं और उनका वेलिंगटन में सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है.

स्वतंत्रता दिवस पर ‘शौर्य चक्र’ से किया गया था सम्मानित

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इसी साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ‘शौर्य चक्र’ से सम्मानित किया गया था. उन्हें यह सम्मान 2020 में एक इमरजेंसी के दौरान अपने तेजस फाइटर एयरक्राफ्ट को बचाने के लिए दिया गया था. वही, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत (Chief of Defence Staff General Bipin Rawat) की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु के संबंध में गुरुवार को लोकसभा को बताया कि एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में तीनों सेनाओं के एक दल ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है.

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा, ‘प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत बुधवार को वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के छात्रों से संवाद करने के लिए पूर्व निर्धारित यात्रा पर थे.’ सिंह के अनुसार, ‘जनरल रावत ने अपनी पत्नी और 12 अन्य लोगों के साथ सुलुर से एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर से सुबह 11 बजकर 48 मिनट पर वेलिंगटन के लिए उड़ान भरी थी जिसे दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर वेलिंगटन में उतरना था. सुलूर वायु यातायात नियंत्रक का 12 बजकर 8 मिनट पर हेलीकॉप्टर से संपर्क खो गया. बाद में कुन्नूर के पास जंगल में स्थानीय लोगों ने आग लगी देखी. मौके पर जाकर उन्होंने हेलीकॉप्टर को आग की लपटों से घिरा देखा जिसके बाद स्थानीय प्रशासन का एक बचाव दल वहां पहंचा.’

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