उत्तर प्रदेशलखनऊ

प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 100 बेड का अस्पताल हो : सीएम योगी

  • मंत्रिमंडल के समक्ष चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेक्टर के विभागों की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण के बाद मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

लखनऊ। मंत्रिमंडल के समक्ष चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेक्टर के विभागों की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण हुआ। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी विधानसभा क्षेत्रों में 100 शैय्या के चिकित्सालय उपलब्ध कराने समेत अन्य महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर चरणबद्ध रूप से इसे क्रियान्वित किया जाए।

उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्ष में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में उप्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। इंसेफेलाइटिस उन्मूलन का प्रयास हो अथवा कोविड प्रबंधन, प्रदेश को वैश्विक संस्थाओं से सराहना मिली है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में अच्छा कार्य हुआ है। हमारी आबादी अधिक है किंतु स्वास्थ्य सेवाओं की सहज उपलब्धता और बेहतरीन प्रबंधन ने स्वास्थ्य क्षेत्र में लोगों में एक विश्वास जताया है। एक टीम के रूप में यह प्रयास सतत जारी रखा जाए।

दवाओं की खरीद को पारदर्शी बनाया गया है। यह शुचिता बनी रहे। भ्रष्टाचार की हर एक शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कठोरतम कार्रवाई की जाए। मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों में मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों में प्रतिभाग करें। डॉक्टरों और नर्सों की पर्याप्त तैनाती होनी चाहिए। डॉक्टर-नर्स का अनुपात 1:1 हो। आवश्यकतानुसार पद सृजन कर योग्य प्रोफेशनल का चयन किया जाए।

पिछले पांच वर्षों में पांच हजार स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना हुई है। अब हमारा लक्ष्य हो कि आगामी पांच वर्ष में 10 हजार नए उपकेंद्रों की स्थापना हो। आगामी 100 दिनों के भीतर राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को कैशलेस चिकित्सा सुविधा से लाभांवित किया जाए। हर जिले में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। डायलिसिस, सिटी स्कैन, न्यू बॉर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट, स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट की संख्या में बढ़ोतरी की जरूरत है। अगले दो वर्ष में सभी जिलों तक इन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।

डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस, जापानी इंसेफेलाइटिस, एईएस और कालाजार जैसी जलजनित बीमारियों के लिए मिशन जीरो की शुरुआत की जाए। अगले 100 दिनों में कम से कम 800 नई एम्बुलेस अपने बेड़े में बढ़ाएं। एएलएस की संख्या को एक वर्ष में 250 से बढ़ाकर 375 और फिर आगे 500 तक करने के प्रयास हों।

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