एक ही बैंक ड्राफ्ट का उपयोग कर 25 संपत्तियों की खरीद में धांधली, अब आरटीजीएस और एनईएफटी ही मान्य
फर्जीवाड़ा कर वृंदावन और आम्रपाली आवासीय योजना में एक बैंक ड्राफ्ट का कई सम्पत्तियों में उपयोग किए जाने का खेल सामने आने के बाद आवास विकास परिषद अब आवंटियों से प्रदेश में बैंक ड्राफ्ट से पैसा नही जमा कराएगा। सम्पत्तियों के एवज में अब पैसा आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए ही ऑन लाइन जमा कराएगा। आवंटियों के पैसा जमा करने की व्यवस्था में किए जा रहे इस बदलाव को लेकर इसी माह होने वाली आवास विकास परिषद बोर्ड बैठक में प्रस्ताव भी लगाया जाएगा।
आवास विकास परिषद के सचिव नीरज शुक्ला व अपर आवास आयुक्त उदयभानु त्रिपाठी ने बताया कि प्रेस वार्ता बुलाकर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाल ही में आम्रपाली योजना और वृंदावन योजना बिना पैसा जमा किए ही रिफंड लिए जाने के जो 25 मामले सामने आए हैं। उनकी जांच में यह सामने आया है ज्यादातर सम्पत्तियों में एक ही बैंक ड्राफ्ट का उपयोग कई बार धांधली कर किया गया। परिषद ने अधिकारियों ने बैंक ड्राफ्ट से पैसा जमा होने की जानकारी जब बैंक से की तो बैंक ने ड्राफ्ट जमा होने की जानकारी दी मगर यह नही बताया कि यह बैंक ड्राफ्ट किस सम्पत्ति केएवज में जमा है।
परिषद अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी बैंक से यह पूरी जानकारी नहीं ली कि जो जिस बैंक ड्राफ्ट के बारे में जानकारी की जा रही है वह किस सम्पत्ति के एवज में जमा हुआ है। ऐसे में परिषद से लेकर बैंक तक लापरवाही हुई। जिसको लेकर कई जिम्मेदार कर्मचारी-अधिकारी निलंबित भी किए गए। आगे ऐसा न हो उसके लिए अब आवास विकास परिषद बैंक ड्राफ्ट के जरिए पैसा स्वीकार नही करेगी।
आवंटी को आरटीजीएस या एनईएफटी के जरिए ही पैसा जमा करना होगा। ऐसे में पैसा जमा करने में कोई फर्जीवाड़ा नही कर पाएगा। उप आवास आयुक्त नीलम और प्रफुल्ल त्रिपाठी ने बताया कि बैंक ड्राफ्ट की व्यवस्था बंद करने को लेकर आवंटन की नियम शर्तों में संशोधन किया जा रहा है। जिसके बाद सिर्फ डिजिटल पेमेंट ही परिषद में मान्य होगा।
मैनुअल नीलामी बंद, अब होगी सिर्फ ई नीलामी
उप आवास आयुक्त प्रफुल्ल त्रिपाठी ने बताया कि सम्पत्तियों की मैनुअल नीलामी को भी पूरी तरह बंद किया जा रहा है। अब जो भी नीलामी होगी वह ई नीलामी होगी। उसको लेकर एक बैंक से करार भी हो गया है। नीलामी में भाग लेने वालों को पैसा भी डिजिटल सिस्टम से ही जमा करना होगा। बैंक ही अपने सिस्टम के जरिए नीलामी में भाग लेने वालों की कम्प्रेटिव रिपोर्ट देगा। जिस पर परिषद निर्णय लेगा। उसके बाद जो आवेदक नीलामी में असफल रहेंगे उनका पैसा भी बैंक उनके खाते में सीधे वापस कर देगी।