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भाजपा नेताओं की विवादित टिप्पणी से इस्लामिक देशों में नाराजगी

भाजपा के दो निष्काषित नेताओं द्वारा पैगंबर पर आपत्तिजनक टिप्पणी का बवाल बढ़ता जा रहा है। इस बवाल का असर देश की सीमा से निकल कर अब भारत के राजनयिक संबंधों पर भी देखने को मिल रहा है। कतर, ईरान और कुवैत के बाद अब सऊदी अरब ने भी पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक नेता की विवादित टिप्पणियों की सोमवार को आलोचना की और सभी से ‘‘आस्थाओं एवं धर्मों का सम्मान’’ किए जाने का आह्वान किया। खाड़ी के महत्वपूर्ण देशों ने इन टिप्पणियों की निंदा करते हुए अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके भाजपा प्रवक्ता की टिप्पणियों की निंदा की और कहा कि इनसे पैगंबर मोहम्मद का अपमान हुआ है। इस बीच, नयी दिल्ली में भाजपा ने पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयानों के लिए अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को रविवार को पार्टी से निलंबित कर दिया। वहीं, दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी नेतृत्व ने भाजपा से निष्कासित करने का फैसला लिया।

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने ‘‘इस्लाम धर्म के प्रतीकों के खिलाफ पूर्वाग्रहों के प्रति अपनी अस्वीकृति’’ को दोहराया। उसने ‘‘सभी पूजनीय लोगों एवं चिह्नों’’ के खिलाफ पूर्वाग्रह को बढ़ावा देने वाली हर चीज को खारिज किया। अपनी प्रवक्ता को निलंबित करने के भाजपा के कदम का स्वागत करते हुए मंत्रालय ने ‘‘आस्थाओं एवं धर्मों के लिए सम्मान के आह्वान के सऊदी अरब के रुख’’ को दोहराया।

इससे पहले, कतर, ईरान और कुवैत ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में भाजपा नेता की विवादित टिप्पणियों को लेकर रविवार को भारतीय राजदूतों को तलब किया था। खाड़ी क्षेत्र के महत्वपूर्ण देशों ने इन टिप्पणियों की निंदा करते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। कतर और कुवैत स्थित भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘राजदूत ने बताया कि वे ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते। ये हाशिए के तत्वों के विचार हैं।’’

प्रवक्ता ने कहा कि कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने विदेश कार्यालय में एक बैठक की जिसमें भारत में व्यक्तियों द्वारा दूसरे धर्म के पूजनीय लोगों को बदनाम करने वाले कुछ आपत्तिजनक ट्वीट्स के संबंध में चिंता व्यक्त की गई। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू वर्तमान में कतर की यात्रा पर हैं और रविवार को उन्होंने कतर के प्रधानमंत्री व गृह मंत्री शेख खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुलअजीज अल सानी से मुलाकात की।

इससे पहले, मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विदेश राज्य मंत्री सुल्तान बिन साद अल-मुरैखी ने भारत के राजदूत को नोट सौंपा। मंत्रालय ने भारत में सत्तारूढ़ दल द्वारा जारी बयान का स्वागत किया, जिसमें उसने पार्टी के नेता को निलंबित करने की घोषणा की। मंत्रालय ने कहा कि कतर भारत सरकार से सार्वजनिक माफी और इन टिप्पणियों की तत्काल निंदा की उम्मीद करता है।

भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने यहां कहा, ‘‘अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी सभ्यतागत विरासत और विविधता में एकता की मजबूत सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप, भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है।’’

प्रवक्ता ने कहा कि भारत-कतर संबंधों के खिलाफ काम करने वाले निहित स्वार्थी लोग इन अपमानजनक टिप्पणियों का उपयोग करके लोगों को उकसा रहे हैं। दोनों पक्षों को ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ मिलकर काम करना चाहिए जो, द्विपक्षीय संबंधों की ताकत को कम करना चाहते हैं। इस बीच, कुवैत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुवैत में भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज को रविवार को तलब किया गया और एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री द्वारा एक आधिकारिक विरोध नोट सौंपा गया।

ईरान में भारतीय राजदूत धामू गद्दाम को तेहरान में रविवार शाम को दक्षिण एशिया के महानिदेशक द्वारा विदेश मंत्रालय में तलब किया गया, जहां विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कड़ा विरोध जताया गया। अर्द्ध सरकारी समाचार एजेंसी ‘मेहर’ के मुताबिक भारतीय राजदूत ने खेद व्यक्त किया और पैगंबर के किसी भी अपमान को अस्वीकार्य बताया।

टिप्पणियों को लेकर मुस्लिम समुदाय के विरोध के बीच भाजपा ने एक तरह से दोनों नेताओं के बयानों से किनारा करते हुए कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और उसे किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों का अपमान स्वीकार्य नहीं है। इन विवादित टिप्पणियों के कारण अरब देशों में ट्विटर पर भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के लिए एक अभियान भी चलाया गया। नयी दिल्ली में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयानों के लिए रविवार को राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित, जबकि दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया।

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