शिवसेना के यूपीए में शामिल होने की संभावनाओं की लगातार हो रही चर्चाओं के बीच मंगलवार (7 दिसंबर) को संजय राउत और राहुल गांधी के बीच अहम बैठक खत्म हुई. करीब दो घंटे चली यह बैठक पौने छह बजे खत्म हुई.
इस बैठक के बाद संजय राउत ने मीडिया से जो कहा उससे ममता बनर्जी की गैर कांग्रेसी दलों को इकट्ठा कर के बीजेपी के खिलाफ एक गठबंधन की उम्मीदों को झटका लगा है. संजय राउत ने मीटिंग के बाद साफ कह दिया कि बगैर कांग्रेस कोई भी गठबंधन बीजेपी के खिलाफ काम नहीं कर सकता. उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर ऐसा कोई गठबंधन बना तो कांग्रेस के साथ भी एक गठबंधन सामने आएगा. इससे बीजेपी को फायदा ही होगा.
संजय राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘राहुल गांधी से हमारी लंबी बातचीच हुई, जो बातचीत हुई है, उसमें संदेश यही है कि सबकुछ ठीक है…राहुल गांधी से जो बात हुई है वो सबसे पहले मैं अपनी पार्टी के चीफ से बताऊंगा. उद्धव जी से बताऊंगा आदित्य जी से बताऊंगा. फिर आपको बताऊंगा.’
‘अगर कोई अलग फ्रंट बना तो कांग्रेस फ्रंट नहीं बनाएगी क्या?’
फिर खुद ही संजय राउत ने कहना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि, ‘अगर किसी ने फ्रंट बनाएगा तो कांग्रेस के नेतृत्व में कोई दूसरा फ्रंट भी काम करेगा ना. फिर फायदा किसको होगा? फिर तो विपक्ष कमजोर ही होगा ना. थर्ड फ्रंट, फोर्थ फ्रंट, सेकंड फ्रंट यह तो कोई बात नहीं हुई. एक ही फ्रंट बनेगा. एक ही फ्रंट बनना चाहिए. कांग्रेस को अलग रख कर कोई फ्रंट बनाने का मतलब नहीं.’
‘थर्ड फ्रंट, फोर्थ फ्रंट का कोई मतलब नहीं, एक ही फ्रंट बनना चाहिए’
ममता बनर्जी की राय से शरद पवार इत्तिफाक नहीं रखते हैं. वे लगातार यह कहते रहे हैं कि कोई भी गठबंधन कांग्रेस को अलग रख कर काम नहीं करेगा. यह बात उन्होंने ममता बनर्जी के सामने भी कही. लेकिन पिछले हफ्ते मुंबई दौरे पर ममता बनर्जी ने मीडिया से कहा था कि यूपीए आज कहां है? बिना राहुल गांधी का नाम लिए उन्होंने कहा था कि साल में आधा वक्त विदेश में बिता कर राजनीति नहीं होती.
विपक्षी पार्टियों में फूट के सवाल पर यह बोले संजय राउत
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए जब पत्रकारों ने संजय राउत से पूछाा कि विपक्ष में फूट पड़ गई है क्या? ममता जी अलग बात करती हैं शरद पवार अलग बात करते हैं? इस पर संजय राउत ने कहा कि, ‘मैंने पहले भी कहा है कि कांग्रेस के बिना बीजेपी के खिलाफ मजबूत विपक्ष संभव नहीं है. राहुल जी मुंबई आ रहे हैं. मैंने राहुल जी से कहा है कि आपको अब इस बारे में लीड लेना चाहिए. शरद पवार संबसे अनुभवी नेता हैं. वे जो फैसला लेते हैं . सोच समझ कर लेते हैं.’