देश

सेना के लिए देश में ही बनेंगी 4.25 लाख कार्बाइन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

  • – निजी या सार्वजनिक क्षेत्र के दो निर्माताओं को यह अनुबंध आवंटित करने की योजना
  • – सेना को कार्बाइन की सबसे ज्यादा जरूरत, इसलिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया से होगी खरीद

नई दिल्ली। ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में भारतीय सेना के लिए 4.25 लाख स्वदेशी कार्बाइन का निर्माण किया जायेगा। केंद्र सरकार ने 5.56×45 मिमी. वाली 4,25,213 क्लोज क्वार्टर कार्बाइन (सीबीक्यू) की खरीद के लिए मंजूरी दे दी है। इतनी बड़ी संख्या में कार्बाइन के उत्पादन में समय लगेगा, इसीलिए इस परियोजना के लिए निजी या सार्वजनिक क्षेत्र के दो निर्माताओं के साथ अनुबंध किये जाने की योजना है। इस परियोजना के लिए 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन होने जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि 4,25,213 लाख सीबीक्यू के उत्पादन में काफी समय लगेगा, इसीलिए निजी या सार्वजनिक क्षेत्र के दो निर्माताओं को यह अनुबंध आवंटित करने की योजना है। इसका मतलब यह है कि सबसे अच्छी बोली वाली फर्म को 2 लाख से अधिक कार्बाइन बनाने का ऑर्डर मिल सकता है जबकि दूसरी फर्म के साथ शेष कार्बाइन बनाने का अनुबंध किया जायेगा। इसके पीछे प्राथमिकता कार्बाइन की जल्द से जल्द आपूर्ति करने की होगी। आम तौर पर अनुबंध करने में 3 साल से अधिक समय लगता है लेकिन रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की मंजूरी मिलने के बाद सशस्त्र बलों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह अनुबंध आने वाले दिनों में जल्द से जल्द हो सकते हैं।

भारतीय सेना की जरूरतों को देखते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की हथियार निर्माता कंपनी काराकल को 5.56×45 मिमी. वाली 93,895 क्लोज क्वार्टर कार्बाइन (सीबीक्यू) की आपूर्ति के लिए 2018 में शॉर्टलिस्ट किया गया था। यह सौदा लगभग आखिरी चरण में था लेकिन इसी बीच रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत रक्षा उद्योग को मजबूत करने के लिए हथियारों के आयात पर प्रतिबन्ध लगा दिया।

इसके बाद रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार की अध्यक्षता में सितम्बर, 2020 में हुई बैठक में यह अनुबंध रद्द कर दिया गया। अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में 4.25 लाख स्वदेशी कार्बाइन का निर्माण किया जायेगा। सेना को सीबीक्यू की तत्काल जरूरत है, इसलिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत यह अनुबंध जल्द से जल्द पूरा किये जाने की संभावना है।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button