देश

मोदी सरकार में नक्सल प्रभावित जिलों में 70 प्रतिशत की कमी : अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या में 70 प्रतिशत की कमी लाई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर के 66 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र से सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (आफ्सपा) को भी हटा लिया गया है और शांति स्थापित की है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह यहां नवनिर्मित राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (एनटीआरआई) का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह संस्थान जनजातीय समाज की विविधताओं को एक सूत्र में पिरोकर उनके समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

शाह ने कहा कि देश के पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं और सुरक्षा वहां के विकास का अग्रदूत है। उन्होंने कहा, सुरक्षित पूर्वोत्तर और सुरक्षित मध्य भारत जनजातियों के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। शाह ने मोदी सरकार के आठ साल की तुलना पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के शासन से करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन में 2006-2014 तक पूर्वोत्तर में 8,700 अप्रिय घटनाएं हुईं। मोदी सरकार में यह संख्या घटकर 1,700 हो गई है। कांग्रेस शासन के दौरान 304 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे जबकि मोदी सरकार में यह आंकड़ा घटकर केवल 87 रह गया है। उन्होंने कहा कि यह पूर्वोत्तर में बदलाव का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार वामपंथी उग्रवाद की घटना 2009 में 2,258 थी 2021 में 509 तक सिमट गई। वामपंथी उग्रवाद के जिलों में भी 70 प्रतिशत की कमी भारतीय जनता पार्टी की नरेन्द्र मोदी सरकार लाई है। शाह ने कहा कि नवनिर्मित राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (एनटीआरआई) भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने पर जनजातीय विकास की रीढ़ बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद से अनुसंधान और शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। शाह ने कहा, “कांग्रेस सरकार ने 2014 में इस उद्देश्य के लिए बजट 7 करोड़ रुपये रखा था। 2022 में हमने इसके लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।”

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में एकलव्य आवासीय विद्यालयों के लिए बजट 278 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,418 करोड़ रुपये कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश में योजना आयोग, अब नीति आयोग, भारतीय जीवन बीमा निगम और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड जैसे कई संस्थान हैं जिन्होंने देश की प्रगति में बहुत योगदान दिया है। इसी तरह यह एनटीआरआई देश में आदिवासियों के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

शाह ने उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा, “आज का दिन एक महत्वपूर्ण दिन है। प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार, राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान आखिरकार अस्तित्व में आ रहा है। हम सोच सकते हैं कि यह सिर्फ एक और संस्थान है, लेकिन राष्ट्र निर्माण में ऐसे संस्थानों की भूमिका होती है।” इस मौके पर जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता, जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू, अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉन बारला और ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button