कुशीनगर

सडको पर अतिक्रमणकारियों का अवैध कब्जा 

 सीएम के अतिक्रमण हटाओ अभियान को अतिक्रमणकारी दे रहे है चुनौती

 दीपक मिश्र
सदभावना का प्रतीक
कुशीनगर । जिले की सबसे पुरानी नगर पालिकाओ में शुमार पडरौना नगर की सडके अतिक्रमणकारियों के  अवैध कब्जे मे है। कहना मुनासिब होगा कि सूबे के वजीरेआला योगी आदित्यनाथ का अतिक्रमण हटाओ अभियान को यहा के अतिक्रमणकारी न सिर्फ़ ठेंगा दिखा रहे है बल्कि खुलेआम चुनौती दे रहे है। सडक के दोनो तरफ अतिक्रमणकारियों के अवैध कब्जा करने के वजह से रात में चौड़ी दिखने वाली शहर की सड़कें सुबह होने के साथ ही सिकुड़कर गली मे तब्दील हो जाती है। नतीजतन  आये दिन राहगीरों को जाम की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
काबिलेगौर है कि शहरों में अतिक्रमण को लेकर सीएम के निर्देश पर बीते वर्ष मई माह मे पडरौना नगर सहित पूरे जनपद मे जोरदार अभियान चलाया गया था। अवैध वाहन स्टैंड हटा दिए गए थे। फुटपाथों को पूरी तरह से साफ कराया दिया गया था, लेकिन तीन महीने बाद ही इस अभियान की हवा निकल गयी। हुआ यह कि अतिक्रमणकारी अभियान को ठेंगा दिखाकर पूर्व के भाति सडको के किनारे अपना अवैध कब्जा बहाल कर लिया। यही वजह है कि पडरौना शहर के सभी प्रमुख सड़कों, बाजारों में अतिक्रमण से राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बुरा हाल नगर के तिलक चौक का है यहां फल विक्रेताओं ने आधी सड़क पर अपना कब्जा जमा लिया है। तिलक चौक से दरबार रोड जाने के लिए सडक के कोने पर स्थित फल व्यवासी ने तो सारे नियम-कानून को ताक पर रख दिया। इसने तो अपने फल की पूरी दूकान  ही सडक पर सजा रखी है। इस दुकानदार की मनबढई तो देखिये जब उसे सडक पर अतिक्रमण किये जाने बात कोई कहता है तो  दुकानदार ताल ठोकर बोलता है हमने बैनामा कराया है। इसी तरह
शहर के मेन रोड, धर्मशाला रोड पर तो फुटपाथ ही नहीं दिखते हैं। फुटपाथ के साथ सड़कें भी पार्किंग स्थल बन चुकीं है। यहां दुकानदार आधे सामान दुकानों के बाहर फुटपाथ पर रख देते हैं। इस रोड पर बडे कॉम्पलेक्स, कटरे व बैंक हैं मगर उनके पास पार्किंग के नाम जमीन ही नहीं है। इस कारण दुकानदार और वहां आने वाले ग्राहक सड़क पर ही अपना वाहन खडा करते है। जिससे यह सड़क सिकुड़ गली मे तब्दील जाती है और आने जाने वाले लोगों को हर दिन जाम की समस्याओं से जूझना पड़ता है। शहर के मुख्य पश्चिमी गंडक नहर से मेन बाजार और बावली चौक से सुभाष चौक तथा अम्बे चौक से जटहा रोड तक रात मे चौडी दिखने वाली सड़कें सुबह होते ही फुटपाथों पर अतिक्रमण होने से सिकुड़ जाती हैं। शहरों में अतिक्रमण को लेकर सीएम के निर्देश पर अप्रैल में जिला प्रशासन ने अभियान चलाकर फुटपाथों को साफ कराया गया था। वाकई कुछ दिन तक शहर पूरी तरह साफ व स्वच्छ भी दिखने लगा था। मगर अतिक्रमणकारियों को स्वच्छ और सुन्दर शहर ज्यादे दिन रास नही आया।
 यातायात माह भी बेअसर
कहने के लिए तो समय समय पर प्रशासन द्वारा यातायात माह शुरू किया जाता है लेकिन यातायात माह के दौरान भी रात दिखाई  देने वाली चौड़ी सड़कें सुबह सिकुड़कर गली मे तब्दील हो जाती है और प्रशासन धृतराष्ट्र बना रहता है। जबकि इन्ही अवैध अतिक्रमणकारियों के वजह से आये दिन शहर मे दुर्घटना भी होती है।
 अतिक्रमण हटाने का तैयार किया गया था विशेष मसौदा
बीते वर्ष माह माह मे शहरी क्षेत्रों में अवैध पार्किंग व अतिक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश पर नगर विकास विभाग ने प्रदेश भर में एक माह तक विशेष अभियान चलाने का मसौदा तैयार किया था। इसके तहत प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में सभी जिलों को निर्देश जारी किए थे। इसमें कहा गया था कि नगर निकाय के अधिकारी अधिकृत बस, टैंपो, टैक्सी रुकने वाले स्थानों को चिह्नित कराते हुए जरूरी व्यवस्था कराएंगे। रोड निशान, दिशा सूचक, पेयजल, मार्ग प्रकाश व्यवस्था का काम भी कराया जाएगा।
जिला व पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए व्यापार मंडल, स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन के साथ बैठक कर सार्वजनिक स्थानों व अवैध वाहन स्टैंड, अवैध पार्किंग, सड़कों, नालों आदि से अतिक्रमण हटाए जाएंगे।

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