संत कबीर नगर

नही ठीक हुआ रैट होल, नहर ने मचाई ताबाही 

सरयू नहर से जलमग्न हुई गेहूं की फसल 500 बीघा गेहूं हुआ पानी से बर्बाद 

संतकबीरनगर।
सरयू नहर में बने रैट होल दो माह बाद भी ठीक नही हो पाया। रैट होल के चलते एक बार फिर नहर के पानी ने कहर बरपा कर दिया। रैट होल के चलते पांच गांव के करीब 2 सौ से अधिक किसानों को 300 बीघा गेहूं जलमग्न हो गया। सिचाई विभाग की लापरवाही के चलते किसानों के अरमान टूट बिखर गया। विभाग को दो माह बाद भी रैट होल ठीक करवाने का समय नही मिला। नहर के कहर ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दिया।
   सेमरियावां ब्लाॅक करही गांव से करही रजवाहा का संचालन किया गया। करही राजवाहा से पिछले कई वर्ष से सिचाई का काम चल रहा था। पिछले कई वर्ष से यह नहर दुधारा-हटवा के बीच रैट होल, कटान व ओवर फलो के चलते तबाही मचाती है। इस समस्या के चलते पिछले पांच वर्ष से गेहूं की सैकड़ों बिगहा फसल बर्बाद होती है। इस बार 15 दिसम्बर को पानी आने के बाद रैट होल के चलते 100 बीगहा गेहूं बोवाई के समय ही पानी भर गया था। 100 बिगहा के करीब फसल बर्बाद हो गई थी। इस की शिकायत किसानों किया था। मगर रैट होल ठीक नही हुआ। इस नहर में 28 जनवरी से पानी का प्रवाह किया जा रहा है। एक सप्ताह से नहर में पानी का प्रवाह हो रहा है। रैट होल ठीक न होने से पांच गांव के 3 सौ से अधिक किसानों की 5 सौ बिगहा गेहूं की फसल जल मग्न हो गई है। अत्याधिक पानी होने से फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुच गई है। दुधारा, देवरिया सेख, हटवा, पिपरा हंकार, सिसवा दखिली सिवान में पानी भरा हुआ है।
   किसान नजरुलहसन, शम्भुनाथ, राम बहाल, सोनमती, मतीन, शमशुलहक, कृपाल आदि ने बताया कि एक बार बोवाई के समय नहर ने फसल को बर्बाद किया। इस बार तो नहर ने इस कर्द तबाही मचाया कि तीन सौ से अधिक किसान प्रभावित हो रहे हैं। इस समस्या को कोई सुनने वाल तक नही है। शिकायत के बाद भी विभाग देखने तक नही पहुच रहा है।
धनिया भी हुई बर्बाद
15 दिसम्बर को पानी का प्रवाह होने से बोई हुई बीज अंकुरित नही हुई थी। खेतों में लबालब पानी भरा हुआ था बीज पूरी सड़ गई थी। पानी सूखने के बाद किसानों ने नुकसान की भरपाई के लिए खेतों में धनियां की बोवाई करवा दिया था। मगर बोवाई के एक पखवारे बाद फिर खेतों में पानी भर गया। अंकुरित धनियां की बीज भी खराब होने के कगार पर पहुच गई है।
अधिकारी नहर देखने तक नही पहुचे
15 दिसम्बर के बाद बर्बाद हुई फसल की शिकायत किसानों ने मौखिक के साथ लिखित शिकायत भी किया। मगर किसानोेें की शिकायत को किसी अधिकारी ने सज्ञान नही लिया। दो माह बाद भी समस्या जस की तस बनी रही। एक बार फिर पानी का प्रवाह होने से किसानों की बची खुची फसल भी बर्बाद होने के कगार पर पहुच गई है। समय रहते अधिकारी इस समस्या को दूर करवा दिए होते तो ऐसी समस्या नही आती। किसानों ने बताया समस्या दूर कराना कौन कहे अधिकारी देखने तक नही पहुचे।
एक करोड़ का हुआ नुकसान
28 जनवरी से प्रवाह होने वाला पानी काफी तेज रहा। रैट होल भी काफी चौड़ा हो गया। पानी नहर से काफी तेज बहने लगा। इस के चलते इस बार 5 सौ से अधिक बिगहा गेहूं जल मग्न हो गया है। देख जाए तो करीब एक करोड़ की फसल बर्बाद हो गई। विभाग की लपरवाही के चलते किसानों की कमर टूट गई। किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गये हैं।
पिछले बार की अपेक्षा इस बार अधिक हुआ नुकसान
15 दिसम्बर को पानी आने से करीब 80 बिगहा गेहूं की फसल अंकुरित होने से पहले ही खराब हो गई थी। इस बार पानी का प्रवाह होन खेतों में लहलहा रही फसले भी डूब गई। इस बार पिछले बार की अपेक्षा दुगना से अधिक नुकसान हुआ है। लाचार किसान केवल शिकायत ही कर सकता है। किसानों की बर्बादी को देखने तक अधिकारी नही पहुच रहे हैं।
मौके पर जेई को भेजा जा रहा है। जल्द ही समस्या को दूर किया जएगा। प्रोजक्ट बनाकर शासन में भेजा गया है। जल्द काम करवाकर ठीक करवा दिया जाएगा।

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